Bhakti Ras (भक्ति रस)


इसका स्थायी भाव देव रति है इस रस में ईश्वर कि अनुरक्ति और अनुराग का वर्णन होता है अर्थात इस रस में ईश्वर के प्रति प्रेम का वर्णन किया जाता है


उदाहरण :

Bhakti Ras ke Udaharan

अँसुवन जल सिंची-सिंची प्रेम-बेलि बोई
मीरा की लगन लागी, होनी हो सो होई

उलट नाम जपत जग जाना
वल्मीक भए ब्रह्म समाना

एक भरोसो एक बल, एक आस विश्वास
एक राम घनश्याम हित, चातक तुलसीदास
रस के भेद

रस नौ प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं :

1. Shringar Ras (श्रंगार रस)
2. Hasya Ras (हास्य रस)
3. Veer Ras (वीर रस)
4. Karun Ras (करुण रस)
5. Shant Ras (शांत रस)
6. Adbhut Ras (अदभुत रस)
7. Bhayanak Ras (भयानक रस)
8. Raudra Ras (रौद्र रस)
9. Vibhats Ras (वीभत्स रस)

10. Vatsalya Ras (वात्सल्य रस)
11. Bhakti Ras (भक्ति रस)

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Bhakti Ras in Hindi

What is definition / paribhasha of Bhakti Ras in hindi grammar? भक्ति रस Kya Hai and Bhakti Ras ke Udaharan, Sthayi Bhav with some examples.

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