इसका स्थायी भाव देव रति है इस रस में ईश्वर कि अनुरक्ति और अनुराग का वर्णन होता है अर्थात इस रस में ईश्वर के प्रति प्रेम का वर्णन किया जाता है
उदाहरण :
Bhakti Ras ke Udaharan
अँसुवन जल सिंची-सिंची प्रेम-बेलि बोई
मीरा की लगन लागी, होनी हो सो होई
उलट नाम जपत जग जाना
वल्मीक भए ब्रह्म समाना
एक भरोसो एक बल, एक आस विश्वास
एक राम घनश्याम हित, चातक तुलसीदास
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Bhakti Ras in Hindi
What is definition / paribhasha of Bhakti Ras in hindi grammar? भक्ति रस Kya Hai and Bhakti Ras ke Udaharan, Sthayi Bhav with some examples.