काव्यपाठ अथवा नाटक देखने से पाठक अथवा दर्शक के मन में जो आनंद उत्पन होता है, उसे ही रस (RAS) कहते हैं
रस का शाब्दिक अर्थ होता है निचोड़! काव्य में जो आनंद आता है काव्य रस होता है रस अन्तकरणः की वह शक्ति होती है जिसके कारण मन कल्पना करता है, स्वपन देखता है और काव्य के अनुसार विचरण करने लगता है
अर्थात काव्य या कविता साहित्य को पढ़ते समय हमें जिस आनंद व रस कि प्राप्ति होती है उसे रस कहते हैं
भरत मुनि ने सर्वप्रथम अपनी कृति नाट्यशास्त्र में रस का प्रयोग किया था
परिभाषा :- जब विभाव अनुभाव तथा संचारी भाव से पुष्ट होकर नाम का स्थायी भाव उत्पन्न होता है वह रस कहलाता है
Ras in Hindi
What is definition / paribhasha of Ras in hindi grammar? रस Kya Hai and Hindi RAS ke prakar / bhed and Sthayi Bhav with some examples. Types of Ras in Hindi: Shringar, Hasya, Veer, Karun, Shant, Adbhut, Bhayanak, Raudra, Vibhats, Vatsalya, Bhakti.